पुराने बुलरिंग से लेकर नए शानदार ग्राउंड ओ;डोनेल तक
नए-
नए स्थापित हुए मेड्रिड फुटबॉल क्लब (1902) ने पुराने बुलरिंग के पास काफी लम्बी चौड़ी ज़मीन पर अपना
डेरा जमाया, जिसे क्वीन क्रिस्टीना से सालाना 150 पैसेतास पर किराये से लिया गया था। शुरुआत के मैच दे
खने के लिए दर्शक खेल के मैदान के आस पास आकर खड़े हो जाते थे। मैदान के पास में ही बना हुआ ला तोरी
ना मधुशाला को ड्रेसिंग रूम और सामान रखने की जगह के हिसाब से इस्तेमाल किया जाने लगा। पाड्रो ब्रदर्स
की इस संपत्ति पर खिलाड़ी अपने कपड़े वगैरह भी बदल लेते थे और गोलपोस्ट का सामान भी ला कर रख देते
थे।
काफी लम्बा समय बिताने के बाद जब क्लब के अधिकारियों ने ये देखा की दर्शको की संख्या बढ़ती ही चली
जा रही है, तो उन्होंने एक नए घर की तलाश शुरू की। नयी जगह ढूंढ़ने की ज़रूरत इसलिए भी थी ताकि वह फु
टबॉल देखने के लिए उत्सुक ज़्यादा से ज़्यादा दर्शकों को मैच देखने में काम आ सके। रियाल मेड्रिड का अगला
घर हुआ ओ'डोनेल, जो की शहर का सबसे आधुनिक मैदान भी था। पहली बार ऐसा हुआ की दर्शकों और खि
लाड़ियों के बीच एक बाड़ लगा डी गयी, ताकि मैदान पर दर्शक घुस कर खेल में बाधा नहीं डाल सकें। कुछ ही
समय में तैयार हो चुके दो बढ़िया ग्रैंडस्टैंड्स का मतलब अब कम से कम 6,000 दर्शक बैठ कर खेल का मज़ा
ले सकते थे।
With the passing of the years, and with the growing number of fans, the club was forced to look for a new home. It needed a larger ground that could cater to so many eager fans wanting to watch football. The Whites following home was at O’Donnell, which became the city’s most modern ground. For the first time a fence separated the players from the fans, preventing ground invasions. The construction of two grandstands meant that the stadium had capacity for 6,000 fans.